बैतूल:- ग्राम केहलपुर तहसील आमला निवासी जन्मजात दिव्यांग नाथूराम परते के जीवन में सहारा नहीं… शरीर साथ नहीं देता, मां-बाप भी दुनिया में नहीं हैं। फिर भी उम्मीद की लौ थामे वह हर दरवाज़ा खटखटा रहा है। आठवीं पास यह दिव्यांग युवक अब कलेक्टर से गुहार लगा रहा है कि बड़गांव हाई स्कूल में खाली पड़े चपरासी के पद पर उसे नौकरी मिल जाए, ताकि दो वक्त की रोटी नसीब हो सके। सात साल पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश आया था, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। नाथूराम आज भी कागज़ों के बोझ में दफ्न अपने हक़ का इंतज़ार कर रहा है।दिव्यांग नाथूराम परते ने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर गुहार लगाई है कि उसे विकलांग कोटे के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल बड़गांव में रिक्त चपरासी पद पर नियुक्त किया जाए।

1. नाथूराम परते का कहना है कि वह आठवीं कक्षा उत्तीर्ण है और उसका जिला रोजगार कार्यालय में पंजीयन भी है। उसने बताया कि उसके माता-पिता नहीं हैं और उसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा वर्ष 2017 में इस संबंध में आदेशित किया गया था, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। आवेदक के अनुसार भोपाल स्थित वल्लभ भवन मंत्रालय से आदेश कलेक्टर शाखा को प्राप्त होने के बाद भी उसे गुमराह किया जा रहा है। वह पिछले कई वर्षों से सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करवा चुका है, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
2. नाथूराम परते का आवेदन उप संचालक, न्याय विभाग के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर विकलांग कोटे में चपरासी पद पर नियुक्ति प्रदान करने की अपील की है।उसका स्पष्ट कहना है कि बड़गांव हाई स्कूल में चपरासी का पद रिक्त है और वह कलेक्टर दर से नियुक्ति चाहता है ताकि उसे जीवनयापन में सहारा मिल सके।