US India Trade Deal: इससे पहले ब्लूमबर्ग ने सुत्रों के हवाले से रिपोर्ट छापी थी कि भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि वह F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने का इच्छुक नहीं है.
1. अमेरिका से F-35 फाइटर जेट खरीदने के सवाल पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में दिए लिखित जवाब में कहा है कि इस मुद्दे पर अभी अमेरिका से कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है. महाराष्ट्र से आने वाले कांग्रेसी सांसद बलवंत बसवंत वानखड़े ने लोकसभा में विदेश मंत्रालय से 3 सवालों के जवाब मांगे थे. जिसमें से एक F-35 की खरीद पर था. विदेश मंत्रालय ने जवाब में लिखा है, “13 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रधान मंत्री की बैठक के बाद भारत-अमेरिका ज्वाइंट स्टेटमेंट में बताया गया है कि अमेरिका भारत के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (जैसे F-35) और समुद्र के नीचे की प्रणालियों (अंडर सी सिस्टम्स) को जारी करने पर अपनी नीति की समीक्षा करेगा. इस मुद्दे पर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है.”

2. भारत के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी उस समय दी है जब एक दिन पहले ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट छापी थी कि भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि वह F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने का इच्छुक नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को निशाने पर लेकर पहले ही 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ऐसे में भारत अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए संभल कर व्यवहारिक कदम उठा रहा है.
3. ब्लूमबर्ग ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से रिपोर्ट प्रकाशित की है कि भारत 25 प्रतिशत के इस भारी-भरकम टैरिफ के खिलाफ बदले की कार्रवाई में नहीं उलझेगा. रिपोर्ट के अनुसार भारत व्हाइट हाउस को शांत करने के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें अमेरिकी आयात को बढ़ावा देना भी शामिल है.
अमेरिका से F-35 नहीं खरीदेगा भारत?
1. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भले भारत सरकार अमेरिकी सामानों की खरीद को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है, अमेरिका से अतिरिक्त रक्षा उपकरण खरीदने की संभावना नहीं है. यह ट्रंप की तरफ से रखी गई एक प्रमुख मांग है. रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से परिचित अधिकारियों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर यह बात कही है.
2. उन्होंने कहा, भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि वह एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने का इच्छुक नहीं है. फरवरी में पीएम मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान, ट्रंप ने भारत को महंगे फाइटर जेट बेचने की पेशकश की थी. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि मोदी सरकार घरेलू स्तर पर रक्षा उपकरणों को मिलकर डिजाइन करने और बनाने वाली साझेदारी में अधिक रुचि रखती है.